ज़िन्दगी - एक नई खोज
ज़िन्दगी - एक नई खोज
ए ज़िन्दगी, तू एक नई खोज है,
मिलती सब को हररोज है।
तू खोज भी कैसी अनमोल है,
तेरे आगे ना किसी का तोल है।
किसी के लिये टुकड़ो का बोझ है,
किसी के लिये सहायता का कोश है।
ए ज़िन्दगी, तू एक नई खोज है,
मिलती सब को हररोज है।
कोई करता आक्रोश है,
कोई करता विद्रोह है।
किसी के लिये कर्मो का दोष है,
किसी के लिये नया जोश है।
कोई कहता है तू पोश है,
कोई कहता है तू गोष है।
ए ज़िन्दगी, तू एक नई खोज है,
मिलती सब को हर रोज है।
