सफलता की कलम
सफलता की कलम
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लड़ता रह तू ऐसे ही ये ज़िन्दगी से ,
इतना जल्दी रूठ ना तू इस ज़िन्दगी से।
आज हारा है तो क्या ग़म है ,
जीतने के लिये आज भी दम है।
क्यों समझता है कि तू किसी से कम है ,
तू खुद ही तो सफलता की कलम है।
आज जो सपना है ,
कल वो अपना है।
क्यूंकि ,
वो सपना भी तो अपना है।
वो सपना भी तो अपना है।
