युवा, तुझे देश पुकारता
युवा, तुझे देश पुकारता
सशक्त युवा आज के भारत का
असली हमारी धरोहर है
उद्धार हमारे देश का
इनके कदमों पर निर्भर है
उठ जाग युवा तू नींद से
अपने कदमों को आगे बढ़ा
व्याफ्त बुराइयों का विनाश कर
हर बंदे को तू खुशहाल बना
भ्रष्टाचार, जातपात, अत्याचार
तेरा धर्म नही, ईमान नही
उन्नति ही तेरा लक्ष्य है
तू सजग है बेईमान नही
सदियों की कुप्रथायें
तू अब झड़ से उखाड़ दे
अपनी संस्कृति का प्रचार कर
नेतृत्व कर अब आगे बढ़ के
सही दिशा दे इरादों को
कुछ अक्षर अंकित कर दे
विलंब छोड़,प्रगति की ललक बड़ा
धरा पर सृष्टि तारक बन के
ज्योत जला तू प्रकाश की
भेदभाव का संहार कर
धैर्यवान बन, चरित्रवान बन
अपने अस्तित्व का प्रचार कर
साधनों का प्रयोग कर
सारा विश्व माने लोहा तेरा
गंगा की धार को गुरु बना
परिवर्तन देश में ला युवा
अलगाववादियों की बस्ती छोड़
अपनी अलग एक पहचान बना
यह देश है बुद्धिजीवियों का
उनके संघर्ष को न व्यर्थ बना
अहंकार, स्वार्थ, जातिवाद
उखाड़ दे इनकी जडें तू
कर्मठता को अपना मार्ग बना
आगाज़ नए विचारों का कर दे तू
देश तुझे है अब पुकारता
पिघला अपने अंदर के जोश को
दशक शरू हुआ 2030 का
रुकना नही, दिशा दे अपने होश को
बदल दे तकदीर अपने देश की
हाहाकार का अब अंत कर दे
चुनौतियों को स्वीकारते हुए
अपनी धाक जमा विश्व में.......
