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Roshan Baluni

Inspirational

4.0  

Roshan Baluni

Inspirational

युवा जोश

युवा जोश

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हमारे राम हैं पूर्वज ,

उन्हीं से धैर्य पाया था।

हमारे कृष्णा हैं अग्रज,

उन्हींसे शौर्य सीखा था।

दशानन-कंस के अंतक,

तुम्हें सादर नमन मेरा।

तुम्हारी शक्तिऊर्जा को,

दिलाने याद निकला हूँ।।


उठो जागो युवाओं तुम,

जगाने आज निकला हूँ।

युवाशक्ति को जानो तुम,

बताने आज निकला हूँ।

गिने थे दाँत शेरों के,

हमारे वंशजों ने ही।

उसी साहस-पराक्रम को,

जताने आज निकला हूँ।।


शिवा जी याद हैं तुमको,

मराठा खून उनमें था।

चटाई धूल यवनों को,

ओज-साहस गजब का था।

कि महाराणा प्रतापी से,

महा-योद्धा हमारे थे।

उसी हल्दी की घाटी की,

बताने बात निकला हूँ।।


कि शिकागो धर्मसंसद में,

महत्ता शून्य की बोले।

निगम-आगम के तर्कों से,

विवेकानन्द जी बोले।

उन्होंने गूढवाणी से,

बताया शास्त्र वेदों को।

उठो!जागो! बढो!आगे,

जगाने जोश निकला हूँ।।


कि युवाशक्ति हमारी जो,

अलग पहचान रखती है।

हमेशा निज धरा हेतु,

समय पर रक्त देती है।

मशालें क्रान्ति की तुम तो,

जलाओ आज तो यारों।

बनें आवाज सबकी हम,

सुनाने आज निकला हूँ।।



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