यूं ही दिल से..!
यूं ही दिल से..!
सब कुछ बदल गया
वो नजारे वो इशारे
ये हवाएं
वो सितारे।
वो मासूम दिन
वो चांदनी रात
वो कसमें वादें तेरे
वो आखिरी मुलाकात।।
वो पीपल की छांव
वो नदी का किनारा
वो ख्वाहिशों की कश्ती में
जब साथ था तुम्हारा।
वो रंग वो रूप
वो बादलों का चोला
तुझे निहारूं जी भर के
बस यही दिल मेरा बोला।।
वो कोहरे की चादर
वो ओस की बूंद
तेरी सलोनी सूरत
देखूं आंखें मूंद।
वो आंखों में प्यास
वो हाथों में हाथ
वो कसमें वादे सारे
वो करिश्माई रात।।
वो सूरज की किरणें
वो चांद का सहारा
तेरी बेवफ़ाई में
अजीब हाल है हमारा।
ये दौलत ये शोहरत
ये रुकी रुकी सांसें
पिस कर रह जाती हैं
जहां इंसानी रवायतें।।
ये दर्द ये सितम
खामोशी का मरहम
कह गए आंखों से
देकर मुझे अपनी कसम।
ये सम्मान वो अपमान
वो इंतजार के पल
तेरी यादों के साथ
जी रहा हूं मैं आजकल।।
