(यह तेरा भी लुट जाना)
(यह तेरा भी लुट जाना)


विभिन्नताओं की धमाचौकड़ी और अकस्मात मिल जाना,
यह तेरा भी लुट जाना, यह मेरा भी लुट जाना।
आंखों से नीर बहे होंगे, जब उनसे हम दूर खड़े होंगे,
नज़र मिले तो नज़र चुराए,उन यादों के नीर बहाए,
अजब प्रेम की गजब कहानी, विपरीत ध्रुवों की बनी रवानी,
यह कैसा मायाजाल विधी का, मिलकर ना मिल पाना,
यह तेरा भी लुट जाना, यह मेरा भी लुट जाना।
सह सह कर सब बड़े हुए हैं, पर्वत घाटी अचल हुए हैं,
एक एक पत्थर जिसने तोड़ा, नियति का उसने रुख मोड़ा,
पर मैं यहीं पर डटा हुआ हूँ, खुद से ही मैं जुड़ा हुआ हूँ,
पर हँसकर उसका भी तो , छलका होगा दर्द पुराना,
यह तेरा भी लुट जाना, यह मेरा भी लुट जाना।
मेरे मन की बात न करना, उनको तुम बदनाम न करना,
खंजर घोंप सको तो घोपों, उनकी झूठी, साँच न करना,
टूट टूट कर
गिरते जुगनू, मेरे मन का घबराना,
जिस दिन टूटे उस डाली से, टूटा कोई ख़्वाब पुराना,
यह तेरा भी लुट जाना , यह मेरा भी लुट जाना।
जिन आंखों ने सपने देखे, नीर बहायेंगे ही,
तेरे मेरे बीच के किस्से दूर तो जाएंगे ही,
तुम फिर भी मजबूर ना होना, रहकर मुझसे दूर न रहना,
तुमको मेरे साथ ही चलना, दूर क्षितिज सूरज तक ढलना,
हमने पत्थर तोड़ बुना था , जिंदगी का ताना बाना,
यह तेरा भी लुट जाना, यह मेरा भी लुट जाना,
रह रहकर उठती यादों का बना हूँ मैं तहखाना,
मेरे मन में उन यादों का दबा है एक खजाना,
मीठी मीठी सी वो बातें, हमारी तुम्हारी वो मुलाकातें,
जीवन चक्र में भूल गए हैं, जिंदगी का मीठा सा वो तराना,
साखी का जो खेल पुराना, लब पर आकर रुक जाना,
यह तेरा भी लुट जाना, यह मेरा भी लुट जाना।