यह ज़िन्दगी तुमसे ही चलती है
यह ज़िन्दगी तुमसे ही चलती है
खाई थी कसम तुम्हे अपना बनाने की
कहाँ पता था तुम बन जाओगी किसी और की
आज भी अपनों से ज़्यादा प्यार करते है तुमसे
दीवानगी है या प्यार, पर तुम ही हो चाहत ज़िन्दगी की...
ना समझा सका तुम्हे मैं अपने दिल की आरज़ू
यह वक़्त ने तो तोल दिया मेरे प्यार को ले के तराज़ू
इश्क़ इतना गहरा मेरा जिससे नापना है नामुमकिन
वफ़ा तुम ही हो, तुम तमन्ना और तुम ही ज़िन्दगी की आरज़ू...
गलत समझो हमको या समझो सही हमें
दिल तो दे चुके है और यह जीवन भी तुम्हे
आस लगाए बैठे है हम, प्यास लगाए बैठे है
आओ या ना आओ पर गैर ना समझो हमें...
सुबह की पहली किरन से याद तुम्हारी आती है
कभी ना मिटने वाली उम्मीद सी तुम्हारी रहती है
तुम खुश होगी जहाँ वही है हमारी ख़ुशी
पुकारो सिर्फ एक बार, यह ज़िन्दगी तुमसे ही चलती है...
