" ये तों है जिंदगी "
" ये तों है जिंदगी "


अजब सी उलझन है लोगों की
जिंदगी की राहों में
चैन नहीं मिल पाता उनकों
ईट पत्थर के मकानों में
कोशिश इंसान की जारी रहती
वजूद अपना बनाने में
लोगों के दिल में है खटकता
हो जाता दूर अपनों से
तब गिनती उसकी होती बेगानों में
ऐ इंसान तू गम ना कर
कि तेरा कोई नहीं इस दुनिया में
खुश रहने के कई राह हैं
तुम खुश तों रहों
मस्ती के तरानों में
यह दुनिया ऐसी ही है
जो हमेशा साथ नहीं देती
खुद का साथ तू दें हमेशा
क्यों घुलता जाता है
लोगों के बातों और अफसानों में
बहुत से दर्द हैं
जीवन में सबकें
मिटा नहीं सकते सबकों
पर एक बार कोशिश करकें
खोज सकतें हैं मुस्कानों में
माना है कठिन डगर
दूर लम्बा है सफ़र
हो जाए राहें मुश्किल
पर हौसलों से मिल जाएगी मंजिल
कैसी भी तुफानों में
लोग अक्सर हैं तन्हा रहते
किसी से नहीं है मिलते जुलतें
कैसे होगी मुलाकात
यूं ही अनजानों में
नफरत की है आग जलती
इज्जत हो जाती शर्मसार
लोग बन बैठतें एक दूसरे के दुश्मन
क्या रखा है लहू बहाने में
गम ना कर इंसान तू
कि तेरा दुनिया में कोई नहीं
खुद के लिए सबल बन खुद तू
जिंदा रह मस्ती के तरानों में
गर दुनिया साथ नहीं देती
लड़ अपनें खुद के दम पर
अपनी सारी ताकत लगा कर
डट जा तू मैदानों में
उलझी हुई है जिंदगी
कहीं एक सवाल करती है
जवाब हमें मिल जाएगा
शांति से सुलझानें में
जिंदगी में हम रह जातें अधूरें
काम ना होते हमारें पूरें
जिंदगी यूं ही बीत जाती
अपनी कमजोरियों को छुपाने में
करना है तो कर कुछ ऐसा
देश और खुद की खातिर
बन जायेगी तेरी पहचान
दुनिया के मजबूत इंसानों में।