ये मेरी प्रिय आजादी
ये मेरी प्रिय आजादी
ऐ मेरी प्रिय आजादी
तुम मेरे पास थी
और मैं तुम्हें ढूंढ रहा था
ढूंढा तुम्हें
समाज मेम
विचार में
निजाम में
और मिली तुम
मेरे पास
और जैसी मेरे पास हो
वैसी तो कहीं नहीं थी।
तुम्हें पाकर ऐसा लग रहा है
बेगाना सा हो गया हूँ मैं
और आज तुम्हारे इस उत्सव के
महापर्व
अमृत महोत्सव पर
लोग ढूंढ रहे हैं तुम्हें
मेरी तरह।