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GOPAL RAM DANSENA

Abstract Tragedy Inspirational

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GOPAL RAM DANSENA

Abstract Tragedy Inspirational

ये इश्क का दरिया

ये इश्क का दरिया

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ये इश्क का दरिया है विरले ही पार पाएंगे

आंखें अश्क लेके मानो, बरसात पर आ गई है

मासूम दिल मसलने, जुल्मी औकात पर आ गई है

आलम ये है कि आराम नहीं,


आरजू ऐ आईने में अश्क की धार पाएंगे

ये इश्क का दरिया है विरले ही पार पाएंगे

आशिक एतबार कर बैठा, आबाद आलम बसर नहीं

दिल में कहीं सूकून नहीं, मंज़िलें इश्क का नजर नहीं

जुल्मी जुल्म कर न थके,


इबादत इश्क की इरादा में,इब्तिला की मार पाएंगे

ये इश्क का दरिया है विरले ही पार पाएंगे 


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