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Navin Madheshiya

Romance

3.5  

Navin Madheshiya

Romance

ये दूरियां ये खुदगर्जी

ये दूरियां ये खुदगर्जी

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दिलों में थी दूरियां पहले भी

अब तो दूर रहने के बहाने मिल गए हैं

थे खुदगर्ज वो पहले भी

अब तो खुदगर्जी के बहाने मिल गए

चाहा था दो लफ्ज़ बात करूँ उनसे

पर उस बेवफा को बेवफाई के तराने मिल गए

कैसा ये 'नवीन' दिन दिखाया खुदा तुमने

वो आयें और मुह घुँमा चले दिए!                  



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