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Dr.R.N.SHEELA KUMAR

Tragedy

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Dr.R.N.SHEELA KUMAR

Tragedy

यांत्रिक

यांत्रिक

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बच्चे बने कोमल

माँ है अपने लिए मृदुल

पापा बने श्रमजीव

बच्चे दोडते है किताबों के पीछे

अभिभावक दौड़ते है दफतर के पीछे


दादा और दादी तड़पते हैं

अपने रिश्तों को सफल करने

बस अंत मे हम बने यांत्रिक


सारे रिश्तों को तोड़कर पैसे के पीछे

हाँ पैसे के पीछे हम जोड़ते हैं

न माँ न पापा नहीं है कोई रिश्ते

सिर्फ पैसे ही पैसे।


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