यादों के झूले
यादों के झूले
बीती रात कमल दल फूले,
याद आए बचपन के झुले,
शुरू हुए चंद लम्हो के लिये,
फिर खुशीयों के सिलसिले,
अँधेरी रातों को झुठला,
हँसता है सूरज सुबह सवेरे
सुख दुःख आते जाते रहते,
हम ना हँसना कभी भी भूलें,
बीती रात कमल.....
उम्मीद और कोशीशो से ,
आगे बढ़े, हर जंग जीतें,
