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Shraddha Gauhar

Tragedy

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Shraddha Gauhar

Tragedy

यादें

यादें

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देखो, तुम मेरी एक बात अच्छे से मानना

बस उन्हें याद करके ये आँसू और न बहाना 


जो जिन्दा में कभी तुम्हें रोते देख न पाते थे, 

अब उन्हें उस जगह रोकर क्यों तड़पना 


इस लम्बे से उम्र के साथ में सिर्फ 

आखिर के दिनों को क्यों सोचते जाना 

 क्यों न यादों में थोड़ा पीछे चले जाना 

और सबसे हसीन लम्हों को ज़हन में लाना 


वो कितने मजबूत थे 

तुम उनके लिए आज थोड़े मजबूत बन जाना 


देखो, तुम मेरी एक बात मानना 

उन्हें याद करके आँसू न बहाना।


हम उम्र का साथ मिला ही नहीं किसी को 

तो और कुछ दिन साथ गुजार पाते 

ये मत सोचते जाना।


जो साथ कटी वो सबसे अच्छी थी, 

और उस अच्छे की ताक़त को 

तुम आज भी अपने जीवन में पाना ।


माता पिता तो कभी अलग नहीं होते बच्चों से 

पिता की याद आये तो आसमान पर नज़र ले जाना 

और माँ की याद आए तो धरती पर सो जाना ।


देखो, तुम मेरी एक बात मानना 

उन्हें याद करके आँसू न बहाना 


वो तुम्हारी मुस्कुराती हुई भोली सी

 सूरत देखने को उतारू है 

तुम नम आँखों से उनकी याद में न आना।


जाने का दुःख कभी काम नहीं होता 

यह बात समझ जाना 

वक़्त भले हर जख्म को भरता है 

पर खालीपन भरने से वक़्त भी डरता है


इसलिए इस खालीपन से तुम भले लड़ जाना 

पर इसके बहकावे में आकर अंधेरों में मत खो जाना 


देखो आखरी बार गुज़ारिश कर रही हूँ 

तुम हर रोज़ एक उनकी बात याद कर हँसते जाना 

             

                 


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