STORYMIRROR

Shraddha Gauhar

Inspirational

3  

Shraddha Gauhar

Inspirational

परिवार

परिवार

1 min
164

ये एहसास ही हम अकेले नहीं,

अपने आप में ही खास है।

हर कदम पर हिम्मत बन जाता है,

अपनों का ऐसा साथ है।


एक वो ही तो जिन्होंने देखा है मुझे,

मेरी हर कमज़ोरी से लड़ते हुए।

रातों मैं जाग कर रोते हुए,

और महफूज़ उनके आँचल में सोते हुए।


मेरी किसी हार पर मुझे अकेला न किया,

अपनी ख्वाहिशें मार कर मेरी ज़रूरतों

को पूरा किया।

आसान नहीं था तंग हालात में जीना

पर फिर भी सब कुछ दिया।


आज तक माँ बाप ने बस

बच्चों के लिए ही तो है जिया।

आज हम दूर है,

रोज़ नहीं मिल पाने पे मजबूर है।

पर याद रखो उन्ही की दुआओं से

महफूज है।


उनकी आवाज़ कोई जादू तो नहीं करती,

पर सुनने के बाद सुकून से भी भर्ती।

किसी भी कोने से मांगे माँ दुआ,

पर सलामती हमारी ही करती।


अपनों से बढ़ कर भी क्या कोई

दुनिया हुई कभी?

कीमत अपनों की जानते है हम सभी।

एक यही दुनिया है जो बस प्यार पर है टिकी

बाकी हर रिश्ते में कोई मिलावट है मिली।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational