यादें
यादें
बरसात की ये रातें
हमदम बुला रहीं हैं।
हमको तेरी यादें,
हमदम बुला रही हैं।।
तेरे बिन जियें कैसे,
कुछ तू ही बता दे।
ये रात सर्द काली ,
हमदम बुला रही हैं।।
तुमसे कहेंगे ये दिन,
तुमसे कहेंगी रातें।
देखो ओस पुरनम,
हरदम बुला रही हैं।।
कैसा है ये मौसम ,
क्यों हैं दूरियाँ बता दो।
तन्हाईयाँ हमारी,
हमदम बुला रही हैं।।
दिल में है दर्द मेरे,
तन्हा सा रह रहा हूँ।
तुम्हैं मस्तियाँ हमारी ,
हमदम बुला रही हैं।।
दीवानगी का आलम,
कैसी यादें क्या बताएं।
नश्तर चुभो -चुभो के,
हर दम बुला रही हैं।।

