याद
याद
अजीब सा ख्याल दिल में आता है,
वो बीता हुआ पहलू मुझे याद आता है,
कशमकश है इस दिल में,
और ज़हन में एक सवाल आता है,
जो बीता है वो हकीक़त थी,
या था कोई सपना जो बार बार आता है।
चेहरा है किसी का जो दिखता है हर जगह,
किसी का मुस्कराना याद आता है,
कितनी मासूम बातों पर उसके हँसते थे हम,
और उसका रूठना हमारा मनाना याद आता है।
रोते रोते हँसा देता था कोई हमें कभी ,
अब हँसते हँसते उसका रुलाना याद आता है,
हमारी ख़ामोशी में रौनक भरना उसकी अदा थी,
अब शोरगुल में उसका ना होना याद आता है।
पास था कभी जो हमारे किसी वादे को लेकर,
उसके दूर रहने का अब बहाना याद आता है,
जो बीता है वो हकीक़त थी, या कोई सपना
जो मुझे बार बार आता है। ....