ख्याल
ख्याल


चलते चलते किसी रास्ते पे
एक हमसफर बनगया,
ख्वाब था या हकीक़त
ये एक पहेली बनगया।
ऑंखें बंद कर दीदार
कर लेते हैं उनका,
उनके दिल से कुछ ऐसा
हमारा रिश्ता बन गया।
दिल मैं छुपाये राज़ हम रखते हैं,
बिताये उनके साथ जो पल
उसके एहसास हम रखते हैं।
ना जाने फिर कभी
मुलाकात हो या ना हो,
बस उनकी यादों को
दिल में बसाए रखते हैं।
अपने पन का वो एहसास दिया उसने के
दिल को कोई और भाता नहीं,
जितनी भी कोशिश करें इन
लबों पे किसी और का नाम आता नहीं।
वो तो नहीं बदले पर
हालात बदल गए,
पर दिल से उनका
ख्याल जाता नहीं।