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Govardhan Bisen 'Gokul'

Abstract Others

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Govardhan Bisen 'Gokul'

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याद राखीला आवसे

याद राखीला आवसे

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प्रेम पवित्र बंधन

धागा रेशम को प्यारो।

भाई बहिन को यव

राखी त्योहार से न्यारो।।१।।


याद राखीला आवसे

मोरो विजया बाई की।

मोला राखीला ओवाळं

स्नेह भरी दुहाईकी।।२।।


मोरी लाड़की बहीन

देत होती मोला साथ।

मोला सोड़के गयीस

भय गयेव अनाथ।।३।।


मोला यादच आवंसे

तोरो मृत्यूको प्रसंग।

मोरो हृदय दाटंसे

शांती होसे मोरी भंग।।४।।


याद खुबच आवंसे

बाई तोरी बारंबार।

जब गयीस सोड़के

भये होतो थंडगार।।५।।


तोरी यादच आवंसे

होसे कासावीस मन।

मन मनमा रोवंसे

भाऊ तोरो गोवर्धन।।६।।


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