याद आता है मुझे...
याद आता है मुझे...
आदत थी परायी चीज पर हक़ जताना उनका
याद आता है मुझे अक्सर दिल का चुराना उनका।
मासूम सी वो अदाएँ, वो आँखों से शरमाना उनका
भूलता नहीं कभी वो दुप्पटे से मुँह का छुपाना उनका।
मदहोशी के आलम में वो आँखों से पिलाना उनका
याद आता है बहुत वो बारिश में भीग जाना उनका।
मेरे बालों को सहला, वो मुझसे लिपट जाना उनका
याद है वो मुझे सुलाते-सुलाते खुद ही सो जाना उनका।
मुझसे झगड़कर मेरी नादानियों से चिढ़ जाना उनका
याद है वो खफ़ा होकर, मोम सा पिघल जाना उनका।
मेरे हौसलों को बढ़ा, मुश्किलें आसां कर जाना उनका
याद आता है वो साथ चलकर फिर बिछड़ जाना उनका।