वसुधा पर पाया
वसुधा पर पाया
वसुधा पर पाया जन्म सखे
उस पर मानव तन धन्य मगर,
लक्ष्यहीन जन पशुवत होता
उसका जीवन निर्मूल्य सखे।
उठ जाग धरा के सजग प्रहरी
लक्ष्य बना बनाकर सिद्ध करो,
छोटे हों या बड़े लक्ष्य हों
साधना जरूरी सभी सखे।
आवश्यकताओं को चुनकर
सहज सरल को पहले हल कर,
फिर एक-एक कर कदम बढ़ा
कर हर मंजिल आसान सखे।
पर ध्यान रहे इतना पथ पर
स्पष्ट लक्ष्य निर्धारण करना,
योजना लचीलापन लेकर
रणनीति कुशलता दिखा सखे।
समय-समय पर प्रगति मूल्यांकन
आधारित संशोधन करना,
फिर लक्ष्य सिद्धि में अर्जुन-सा
नयना चिड़िया के भेद सखे।
आत्म सबल कर जग वालों को
अनुपम उदाहरण पेश करो,
धीरज संयम साहस के संग
नेतृत्व कुशलता दिखा सखे।
