आजादी के परवाने
आजादी के परवाने
आजादी के परवाने
मौत का भय न जाने
हर दुःख सह जाते हैंं,
गम से होते अनजाने
आजादी के दीवाने
टूटना कुछ न जाने
चट्टानों से टकराते हैं
पर तिरंगा लहराते हैं
मातृभूमि के दीवाने
तिरंगे के गाते गाने
हर मौसम में हंसते हैं
किसी से भी न डरते हैं
स्वतंत्रता की वेदी पे,
देते रहते वो जो जाने
ऐसे वीरों को नमन,
जो हिंद को मां माने
देश इनका ऋणी रहेगा,
गाता रहेगा इनके गाने
देश के लिये सर्वस्व,
न रखा कुछ भी गर्व,
ऐसे वीर शहीदों को,
कहते कोहिनूर-दाने
जबतक सूरज-चाँद रहेगा,
वीर शहीदों का नाम रहेगा,
आजादी के परवाने
होते अलबेले मस्ताने!