STORYMIRROR

अधिवक्ता संजीव रामपाल मिश्रा

Inspirational

4  

अधिवक्ता संजीव रामपाल मिश्रा

Inspirational

माँ भारती

माँ भारती

1 min
207

मेरे जीवन का बस एक ही सपना है,

माँ भारती के लिये सबकुछ करना है।


अभी आवाज दे रहा हूं फिर चल पढ़ूंगा,

माँ भारती की सेवा तहदिल से करूंगा।


लोग भले ही न अपनायें लोगों को अपना लूंगा,

माँ भारती का जगसारा बोझ दम उठा लूंगा।


कुछ हस्तियां पैदा नहीं होती की जाती हैं,

माँ भारती के हर लाल की जुंबा पर क्रांति है।


यही कुछ अंदाज होता है वतन पर शहीद होने का,

माँ भारती के लिये मरते दम लड़ो गम नहीं होने का।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational