STORYMIRROR

Keyurika gangwar

Abstract Inspirational Children

4  

Keyurika gangwar

Abstract Inspirational Children

वर्षा संग

वर्षा संग

1 min
5

वर्षा संग बच्चे गरज रहा आकाश,
 आओ प्यारे नन्हीं नन्हीं बूँदोंमें ,भींगो प्यारे ।
 राजा आजा, विमला आजा, आजा राहुल भैया ,
 मिलकर सब बनाएँ, कागज की एक नैया।
 सरपट माँ की गोद से चुन्नू दौड़ा -दौड़ा आये।
भाग -भागकर नैया पकड़े पकड़ खूब इतराये ।
 नाव छूटी ,हाथ में आया नन्हा मेंढक,
मुँह खोलकर देख रहा चुन्नू मेंढक ।
भागा ,चुन्नू उसके पीछे ताली बजा-बजाकर ,
राजा हँसता ही-ही विमला नाच-नाचकर ।
छोड़ी नाव कागज की मेढक के पीछे दौड़े,
चुन्नु भैया हाथ नचा -नचा मेढक को फोड़े।
आगे -आगे मेढ़क भागा पीछे चुन्नु राजा मेढक का दिया बजा उसने बैंड बाजा।
 शोर सुनकर घर से निकली अपनी ताई कमला,
पकड़ थाम ली उसने अपनी विमला।
 देख तमाशा वो हँसे पेट पकड़कर,
हँसते -हँसते आँसू निकले झर-झर।
 कीचड़ में सब सने हुए थे, गलियों में करते शोर,
 बच्चों संग नाच रहे जंगल के सारे मोर।
 इंद्र धनुष है निकला ,सूरज करता चमचम,
 सारे बच्चे घर चले,करते हुए छमछम।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract