वराहावतार
वराहावतार
कश्यप और दिति के पुत्र हिरण्यकश्यप और हिरण्याक्ष कहलाये
जिनके आतंक से धरती सारी कांप उठी थी महादैत्य वो कहलाये
बात बहुत पुरानी है भगवान विष्णु के अवतार की कहानी है
हिरण्याक्ष दैत्य शासन किया पृथ्वी पर उसकी यह कहानी है
इंद्रलोक को जीतकर पृथ्वी पर विजय का लालच उसको आया
अपने वरदान का फायदा उठाकर पृथ्वी को समुद्र में था डुबोया
सभी देवताओं ने ब्रह्मा जी और विष्णु जी से रक्षा हेतु गुहार लगाई
तब नासिका से भगवान विष्णु के वराहावतार की उत्पत्ति हुई
विष्णु जी को पृथ्वी को अपने साथ ले जाते देख वो बौखलाया
क्रोध में आकर वराहावतार से युद्ध के लिए तनिक नहीं घबराया
हिरण्याक्ष और विष्णु जी के बीच भीषण युद्ध हुआ वार पर वार
तब परिणामस्वरूप इस युद्ध में हिरण्याक्ष का हो गया संहार
पृथ्वी को किया फिर से स्थापित कहलाए जग के पालनहार
बुराई को मिटाने के लिए विष्णु जी ने लिए थे कई-कई अवतार I