वो वक़्त नहीं इस घड़ी में
वो वक़्त नहीं इस घड़ी में
वो वक़्त नहीं इस घड़ी में,
जब तू मेरे पास होता है।
तेरी सांसों में अपनी महक,
और मेरा दिल तुम्हारे पास होता है।
वो वक़्त नहीं इस घड़ी में,
जब तुम्हारी यादों ने मुझे,
मुझे इस क़दर बेक़रार किया।
इन आँखों ने तुम्हारा ही इंतज़ार किया।
वो वक़्त नहीं इस घड़ी में,
जब तुम्हारे हाथों की नरमी,
मेरे हाथों ने महसूस की थी।
धड़कनें उस वक़्त कितनी बढ़ी थीं।
वो वक़्त नहीं इस घड़ी में,
जब नज़रों से नज़रें टकराई थी।
ख़ामोशियों ने उसी समय ही
दिल की कहानी सुनाई थी।
वो वक़्त नहीं इस घड़ी में,
जब मैंने तुम को माना अपना।
न किसी की सुनी, न खुद को समझाया,
बस दिल पर तुम्हारा ही इख़्तियार जाना।

