वो जो करे.,
वो जो करे.,
जब जब सोचा
डर के निकला कुछ अलग से॥
ना डरो ना विचलित हो
बस करो , बस करो॥
यात्रा का हर सोपान
डराता है
आयेदिन की घटनाओं से॥
बचने वाले बच जाते हैं
भीड़ भरे तूफ़ानों से॥
ख़्याल रखो
सावधानी और नियमों का
आगे की वो जाने॥
हर रोड सफर में कितने ही
जान गँवाते हैं,
कितने ही खून बहाते हैं
जो ना बचते हैं रक्तदान को
देहदान को
और ना अंगदान को
कुतर मुचर हो जाते हैं॥
रोड चली की ऐसी
जल्दबाजी हड़बड़ी
होडहाडी
कितनों को बेघर बरबाद करती है
कितने ही उस पार चले जातेहै
फिर कभी ना मिलने को॥
यादें ही रह जाती हैं॥
आओ ग्रीन गाड़ियों से
यात्राओं को ग्रीन बनाये
रोड नियमों को अपना कर
यात्रा सुखद बनायें॥
