वो दौर लौटा देना
वो दौर लौटा देना
मोहब्बत का वो दौर लौट आए,
तुम्हारे साथ बीती तुम्हारी वो हर बात लौट आए,
अक्सर गुुुदगुदाती हैं मुझे तुम्हारे साथ बिताई वो बातें ,
वो देर रात तक लंबी बातें करना ,
तुम्हारे कंधों पर देर तक सिर को टिकाएं रखना,
बिना बात के देर तक तुम्हारे साथ हंसना,
याद आता है मुझे बारिश में भीगते ,
हुए तुम्हारे साथ चलना,
आ जाएं वो भी एक दौर की ,
की फिर से वो रात आए फिर से वो बात आए,
कुछ पास हों ना हों मोहब्बत का वो दौर लौट आए,
अक्सर तुम्हारे हाथ को पकड़ कर चलती थीं,
बेखौफ बेधड़क कदम कहीं भी रखती थी,
डर नही था गिरने का मुझे,
पता था मेरा हाथ तेरे हाथो में है,
वो हर बात पर तेरा मुझ पर दिल लुटाना,
अक्सर बातों बातों में प्यार का इज़हार करना,
याद आते हो तुम बहुत मुझे ,
चांद को देख कर एक दूसरे के लिए दुआंए मांगना,
तेरा यूं ही मुझ पर दिल लुटाना ,
याद आते हो क्यूं की यादों में बसे हो तुम,
हर बात पे इशारे से इश्क ज़ाहिर फरमाना,
ऐसा भी क्या की ख़ुद के अक्स से नाराज़ हो जाना ,
बस तुम इतना करना मोहब्बत का वो दौर लौटा देना।