वर दो
वर दो
ऐसा वर दो मां मुझे तुम, खड़ी खुद के पैरों पर मैं रहूं ,
ना हाथ हो मागने के लिए,
दान देने के लिए रहे सदा रहे तैयार,
मस्तक रहे सदा तेरे मान में ऊंचा,
न रहे अभिमान किसी तरह ,
जग में रहे तेरे बच्चे नाम हमेशा सच्चा,
ना झूठ से ना पाप से ,
मिलू मैं निस दिन तुमसे सौभाग्य से,
भाग्य की रेखा रहे ऊंची ,
ऐसा मान रखना,
ना भूखा रहे ना जाएं कोई दर से भूखा,
धन धान्य से घर को मेरे सजाएं रखना,
हो कोई भी भूल चूक पर अपने सीने से लगाए रखना,
दिन ब दिन हो तरक्की बच्चे का भी रखना ध्यान,
मान बढ़े, सम्मान बढे भक्त का अभिमान बनाएं रखना,
जीवन हो आपके आशीर्वाद से भरा ,
भक्त कि गोद भी बनाए रखना
मान बढ़े हर भक्त का,
ऐसा सुन्दर वक्त बनाएं रखना।।