वो बात कहाँ
वो बात कहाँ


वो बात कहाँ ?
घरों की हर दीवारों पर जो
हमने चित्र खींचे थे कभी,
मकानों की दीवारों पर
बने रंगीन चित्रों में,
वो बात कहाँ ?
सागर की लहर में मीन ने जो
तैरना सीखा था कभी,
मत्स्यालय के खुशबूदार पानी में भी,
वो बात कहाँ ?
नीड़ में पंछी ने दाना जो
ढूंढ कर लाया था कभी,
स्वर्ण पिंजरो में रखे
मुफ्त के दानों में भी,
वो बात कहाँ ?