वक़्त
वक़्त
यूं तो वक़्त से बहुत कुछ सीखा है,
जिंदगी में हार कर भी जीना सीखा है।
हर वक़्त बस खुद से यही पूछा है,
जिंदगी में अब तक क्या पाया है।
हर वक़्त खुद को भीीड़ से अलग पाया है,
तारीफ के वक़्त भी खुद को कमजोर पाया है।
अपनी निगाहो से दुनिया को देखा है,
हर वक़्त को बड़ी करीब से देखा है।
वक़्त को इंतजार करते भले ही ना देखा है,
फिर भी हर वक़्त कुछ ना कुछ सीखा जाता है।
यूं तो वक़्त से बहुत कुछ सीखा है,
जिंदगी में हार कर भी जीना सीखा है।
