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Abhay Nath Thakur

Abstract

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Abhay Nath Thakur

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सूरज की किरणें

सूरज की किरणें

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सूरज की किरणों से हमारी

जब भी नजर मिल जाती है।

हर पल हर क्षण ना जाने क्यों

कुछ नया सिखलती है।


जब जब इसकी किरणों में

नया रंग दिख जाती है।

तब तब ये जीवन में हमको

नई राह दिखलाती है।


इसकी किरणों को देख

कई आभाशे आती है।

नई राहों पर चलने की

ये विश्वाश दिलाती है।


हर सुबह नयी किरण से

जब भी  ये जगाती है।

जीवन में कुछ कर जाने की

इक नयी प्रेरणा लाती है।


खुद की रास्ते खुद ही तलाशना

ये भी हमे सिखाती है।

जब भी छाव दिखे आगे तो

मंजिल भी दिखलाती है।


खुद की प्रकाश से जब भी 

ये चांद को चमकाती है।

दूसरों की मदद करने की

ये गुण भी सिखलाती है।


बादलों की ओढ़ में

जब भी ये छुप जाती है।

जिंदगी की दो पहलू

हमको ये बताती है।


बिना रुके बिना थके

निरंतर आगे बढ़ना है।

माना मिलो सफर करते हैं

फिर भी आगे बढ़ना है।


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