यकीन मुझे इस मिट्टी पर
यकीन मुझे इस मिट्टी पर
यकीन मुझे इस मिट्टी पर है,
फिर से वो दिन आएगा।
जब ये विपदा दूर टले तो,
गीत नया ये गाएगा।
सूखी पत्ती झर जाने पर,
नई साख आ जाती है।
कड़क धूप ढल जाने पर,
शीतल रातें आती हैं।।
माना ख़ुशियाँ खोया है,
पर पूर्ण रूप से मिटा नहीं।
धूप भले कम दिखती है,
पर काली बादल चढ़ा नहीं।।
कितनी भी बाधाएँ आए,
विश्वास कभी मत खोना है।
देख सुरक्षित इस मिट्टी को,
तभी हमे फिर सोना है।।
पृष्ठ अतीत के बंद करो अब,
खोल भविष्य के पन्ना को।
समय अभी कुछ करने को है,
कर पूर्ण हर तमन्ना को।।
दीपक जैसे काली रातों को,
बदलता है उजालों में।
मिट्टी ख़ातिर कुछ करने की,
ज़ज़्बा है ख्यालों में।।
रुकी हुई जीवन कि पटरी,
फिर से आगे जाएगा।
दृढ़ सुदृढ़ बन के एक दिन,
फिर से वापस आएगा।।
यकीन मुझे इस मिट्टी पर है,
फिर से वो दिन आएगा।
जब ये विपदा दूर टले तो,
गीत नया ये गाएगा।।