Sanjay Aswal

Abstract

4.0  

Sanjay Aswal

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वक्त

वक्त

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मुझे मालूम है, 

वक्त बड़ा बलवान है, 

ये बदलता है 

अपने ही कायदे कानून से, 

किसी की इजाजत 

नहीं लेनी होती इसको, 


ये सोचता भी नहीं 

कि जब ये बदलता है 

किसको फायदा होगा 

किसको नुकसान, 

ये तो बस 

इसकी नियति है,

पल में प्रलय, 

पल में सृजन, 


वक्त सभी को जवाब देता है, 

अपने हिसाब से,

किसी को तुरंत, 

किसी को रुकना होता है 

अनंत तक 

अपने जवाब की प्रतीक्षा में,

वक्त महान है, 

वक्त निर्लज्ज भी, 

कोई वक्त पे सवार हो 

राजा बन जाता है,


कोई पुरखों की विरासत से 

गरीब की ड्योढ़ी पर आ जाता है,

इसलिए अभिमान, अपमान 

कि चिंता छोड़ 

बस जी ले अपनी जिंदगी, 

क्या पता फिर 

वक्त ही ना मिले 

जिंदगी के लिए ????



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