हमारी बेटियां...!
हमारी बेटियां...!
प्यारी सी बेटियां
दुलारी हैं हमारी बेटियां
आंखों का तारा
पापा की परी हैं ये बेटियां,
प्रकृति सी सुंदर
फूलों सी नाजुक हैं बेटियां
सरगम सी बहती जो
आशा की किरण है बेटियां,
अमृत की फुहार वो
प्रेम की पुकार है बेटियां
तारों सा झिलमिलाए
चांदनी की बयार है बेटियां,
दया भाव वंदन वो
मासूम सी हैं बेटियां
प्यार बरसाए जो
औंस की बूंदें हैं बेटियां,
आरती की धुन सी
सृष्टि का आधार है बेटियां
रंगों सा घुल जाए जो
रिमझिम बरसात है बेटियां,
रूठी रूठी है बेटियां
मायूस परेशान हैं बेटियां
अधजली है नाले में
दहेज के लिए हमारी बेटियां,
शोषण का शिकार वो
कुचली जा रही हैं बेटियां
शोहदों के प्रेम जाल में
छली जा रही है बेटियां,
अस्तित्व मिट रहा उसका
बेड़ियों में जकड़ी जा रही हैं बेटियां,
एक कुपित श्राप सा
जग से मिटाई जा रही हैं बेटियां।