Dinesh Yadav
Classics
लोग कहते है कि इंसान
वक़्त के आगे मजबूर है,
मगर मजबूत इरादों से
होती हर मुश्किल दूर है।
कभी धूप तो कभी
छांव नजर आता है,
वक़्त कैसा भी हो
वह गुजर जाता है।
बड़े-बड़े शूरवीरों को
भी धूल चटाया है,
वक़्त ने उन्हें गुमनामी के
अंधेरों में पहुंचाया है।
मेरा क्या था ...
बेटियां
छलावा
मजदूर दिवस
कोरोना को हरा...
वक्त
गरीबी
हे!पथ इनको दर...
प्रदूषण
जज़्बात
युगों-युगों तक रहेगा जीवित हर मानव मे कण-कण सा। युगों-युगों तक रहेगा जीवित हर मानव मे कण-कण सा।
माँ मेरी महान है जीवन का देती ज्ञान है। माँ मेरी महान है जीवन का देती ज्ञान है।
वरना आया राम गया राम कहकर सिर्फ. हाथ मलना होगा। वरना आया राम गया राम कहकर सिर्फ. हाथ मलना होगा।
मंज़िल पर पहुँचकर इक नया आगाज़ होगा। मंज़िल पर पहुँचकर इक नया आगाज़ होगा।
कोई देेेेखने वाला नहीं है, अगर हो जाऊं बीमार। समाप्त। कोई देेेेखने वाला नहीं है, अगर हो जाऊं बीमार। समाप्त।
सुदामा ने सच्चा दोस्त जिसमें पाया सुदामा ने सच्चा दोस्त जिसमें पाया
बस मिली खुशियां मुझे, तेरी प्यार भरी मीठी बातों में। बस मिली खुशियां मुझे, तेरी प्यार भरी मीठी बातों में।
क - दूजे की, नहीं होंगे फिर यहाँ कोई अजनबी। क - दूजे की, नहीं होंगे फिर यहाँ कोई अजनबी।
याद तुम्हें करके मुस्कान से जीवन महक़ उठे। याद तुम्हें करके मुस्कान से जीवन महक़ उठे।
तुम हो कृपाल... तुम हो त्रिकाल...!!! तुम्हारी जय हो,जय हो... हे महाकाल...! तुम हो कृपाल... तुम हो त्रिकाल...!!! तुम्हारी जय हो,जय हो... हे महाकाल....
गुलाबी रंग, प्यार का प्रतीक, स्त्रियों का, सबसे प्यारा। गुलाबी रंग, प्यार का प्रतीक, स्त्रियों का, सबसे प्यारा।
नफरत के अंधकार में गुमनाम- प्यार उनके लिए अमिट उजास है। नफरत के अंधकार में गुमनाम- प्यार उनके लिए अमिट उजास है।
ढलती हुई शाम बुढ़ापा ही तो है उगता हुआ सूरज अगर बचपन है तो। ढलती हुई शाम बुढ़ापा ही तो है उगता हुआ सूरज अगर बचपन है तो।
बहन को देता वचन, जब भी कभी याद करोगी, भाई को पास पाओगी। बहन को देता वचन, जब भी कभी याद करोगी, भाई को पास पाओगी।
टन ने ग्रेविटी का सिद्धांत गढ़ा था ! टन ने ग्रेविटी का सिद्धांत गढ़ा था !
करें आभार व्यक्त ईश्वर के दिए इस नवदिवस का... करें आभार व्यक्त ईश्वर के दिए इस नवदिवस का...
समय की साथ बदलते रहे तमन्ना, मिले न मिले, दिल भूल जाते है चहना समय की साथ बदलते रहे तमन्ना, मिले न मिले, दिल भूल जाते है चहना
कहत कबीर दीन हीन पर रहे दया, मिले समाज का साथ। कहत कबीर दीन हीन पर रहे दया, मिले समाज का साथ।
अंधकार से उजियारे की ओर ले जाता है परिवार।। अंधकार से उजियारे की ओर ले जाता है परिवार।।