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मेरा क्या था कसूर बता दो मैं क्यूं थी इतनी मजबूर बता दो? मेरा क्या था कसूर बता दो मैं क्यूं थी इतनी मजबूर बता दो?
कुदरत की अनमोल उपहार हैं बेटियां प्रेम की अद्भुत अवतार हैं बेटियां! कुदरत की अनमोल उपहार हैं बेटियां प्रेम की अद्भुत अवतार हैं बेटियां!
हम मांगते हैं कुछ और बदले में कोरा भाषण ही मिलता है। हम मांगते हैं कुछ और बदले में कोरा भाषण ही मिलता है।
सुना है मेरे नाम पर एक मई दिवस भी मनाते हैं। सुना है मेरे नाम पर एक मई दिवस भी मनाते हैं।
हाथ जोड़ कर, नमस्कार कर कोरोना को हराना है। हाथ जोड़ कर, नमस्कार कर कोरोना को हराना है।
वक़्त ने उन्हें गुमनामी के अंधेरों में पहुंचाया है। वक़्त ने उन्हें गुमनामी के अंधेरों में पहुंचाया है।
मंदिर-मस्जिद में शीश नवाता है वह अपने नसीब पे कब पछताता है ! मंदिर-मस्जिद में शीश नवाता है वह अपने नसीब पे कब पछताता है !
हे पथ ! इनको दर्द न देना रज-कण को मरहम कर देना! हे पथ ! इनको दर्द न देना रज-कण को मरहम कर देना!
असंतुलित हो रहा है पर्यावरण और आज मुश्किलों में हैं गांव-शहर। असंतुलित हो रहा है पर्यावरण और आज मुश्किलों में हैं गांव-शहर।
शहरों की तरह मेरे गांव में कभी जज़्बात नहीं बिकते। शहरों की तरह मेरे गांव में कभी जज़्बात नहीं बिकते।