वक्त
वक्त
वक्त होता उसी का ग़ुलाम,
करता जो समय पर हर काम।
समय का पहिया कभी ना रुकता,
कहता जीवन है चलने का नाम।
जनम तेरा है अनमोल साथियों,
बनना ना कभी किसी का ग़ुलाम।
बुरी संगत से भी रहना दूर सदा,
वरना भूल जाओगे सब गुलफाम।
कुछ भी छिपा नहीं सकते “इरा”उससे,
ऊपर से देख रहा हम सबका निज़ाम।
