वक़्त को सलाम कर
वक़्त को सलाम कर
वक़्त को सलाम कर
वक़्त का ख्याल कर
सवाल का जवाब सुन
बेवक़्त न सवाल कर
जिस वक़्त जो बन सके
वही तेरी मिसाल है
वक़्त से जो लड़ सके
किस की क्या मजाल है
जो इस पल दिखे दबंग
क्षण भर में बने अपंग
वही तो उड़ाए गगन
गिराये ज्यों कटी पतंग
तू जो मालामाल है
वक़्त दीनदयाल है
निर्दयी होते करे दीन
ये वक़्त का कमाल है
वक़्त नजीर वक्त नजारा
वक़्त की नजाकत है
वक़्त वकील और अपील
वक़्त ही अदालत है
तू सही करे या गलत
अनुकूल या नामाकूल
मगर सब कहें शरीफ
ये वक़्त की शराफ़त है
वक़्त बनाता है लायक
इन्सान बन करुणादायक
सब के साथ ही चलना
जमाना करे तभी लायक।।