वक़्त की मार से बच सका कौन
वक़्त की मार से बच सका कौन
वक़्त की मार से आखिर यहांँ बच सका है कौन,
वक़्त जब लेता इम्तिहान किस्मत हो जाती मौन,
तेज है वक़्त की धार, वक्त के आगे सभी लाचार,
न दौलत काम आती यहांँ,न काम आता अहंकार,
वक़्त से ना कर कभी दुश्मनी,वक्त है इक तूफान,
राजा भी रंक हो जाए,वक़्त का आए जो फ़रमान,
रोक न सके कोई इसकी गति, है ये बड़ा बलवान,
वक़्त की जंजीरों में जकड़ा हुआ, यहांँ हर इंसान,
वक़्त का हर फैसला करना पड़े, सभी को मंज़ूर,
वक़्त ही करीब लाए, वक़्त ही करे अपनों से दूर,
कैसे-कैसे दिन दिखाता वक़्त, कोई सोच ना सके,
हो कितना भी बलशाली यहाँ वक़्त से न बच सके,
कोई दौलत, ओहदा बचा न पाए वक़्त की मार से,
पल में धराशाई हो जाए हर कोई वक़्त की धार से।