विवाह
विवाह
विवाह एक ऐसा बंधन
जो हर बंधन से ऊंचा होता है
पति पत्नी के जैसा प्यारा
क्या कोई और रिश्ता होता है
एक दूजे के सुख दुख का ख्याल रखते है
एक दूजे की भावनाओं की कद्र करते है
ये बंधन जिस्मानी और रूहानी होता है
तभी तो एक के दर्द में दूसरा आंसू बहाता है।
कितना पवित्र और कितना पावन होता है
विवाह का बंधन तो नैसर्गिक होता है।