विजयी शंखनाद
विजयी शंखनाद
यदि चाहते हैं जीवन में कुछ कर दिखाना,
मेहनत एवं लगन से कुछ अच्छा पाना।
तो कोसो मत अपने भाग्य को,
बनाओ न तुम मनगढ़ंत बहाना।
मत करो तुम यह बेशकीमती समय व्यर्थ,
नहीं तो जीवन में होगा अर्थ का अनर्थ।
आपका अपना ही सब कुछ व्यर्थ।
कुंभकर्णी नींद से जागो तुम,
सवेरा हो गया मंजिल तरफ अब भागो तुम।
हुई शंखनाद विजय की,
पताका लहरा रही रण विजय की।
ये अस्तित्व की आखिरी लड़ाई है। &n
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हौसला रख हे! धीर -वीर सफलता तेरी कदम चूमेंगी।
बस कुछ दिन तू कष्ट सह, तू अब चले -चला -चल।
तू अब बढ़े चला चल तेरी तुझसे ही लड़ाई है,
जितना तुझे खुद से है अब इसी में तेरी भलाई है।
दिखा दे तू दुनिया को हम भी किसी से कम नहीं,
किस्मत ने हमें भले ही धोखा दिया हो
लेकिन हिम्मत और साहस अभी भी कम नहीं।
हुआ शंखनाद विजय की, जीवन में कुछ पाना है।
वितान में भी उम्मीद की अलख हमें जगाना है।।
हुई शंखनाद विजय की, विजयी शंखनाद हुई। ।