वीरान
वीरान
चारो तरफ वीरान सड़के और नज़ारे हैं,
कभी ये लोगों से भरा हुआ करती थी।
सुबह सुबह मॉर्निंग वाक, स्कूल और कॉलेज,
और दफ़्तर के लिए लोग निकला करते थे।
हर तरफ चहल पहल थी,
वीरान तो रात बारह बजे भी नहीं होता था।
पर इस कोरोना काल मैं सब कुछ बदल गया है,
और हर जगह लॉकडाउन हो गया है।
वैक्सीनेशन सुरु होने से एक उम्मीद जगी है,
और इस वायरस को मात देने कि जीतोड़ कोशिश हो रही है।
बाहर निकलने पर मास्क और सोशल दिस्टन्सिंग,
का पालन करने को कहा जा रहा है।
हमें इस मुश्किल घड़ी मैं एक दूसरे का साथ नहीं छोड़ना चाहिए,
क्योंकि हमें नहीं पता कि कब किस समय
हमें खुद मदत कि जरुरत पड़ जाए।
और हिम्मत के साथ इस परिस्थिति का मुकाबला करना चाहिए।
