वीर सिपाही
वीर सिपाही
हे भारत के जांबाज जवान
तुम माँ भारती के रक्षक
तुम्हीं आन बान और शान
तुम पर्वत पे डटे हो प्रहरी
दुश्मन लाँघ न सकता देहरी
आसान नहीं जान की बाज़ी
कैसी मुश्किल पर तुम फौजी
देश के सच्चे सपूत सिपाही
मातृभूमि के सेवक तुमने
अपनी भूमिका खूब निभायी
आर्थिक हालत और तंगी
रखते जज़्बा जीत का जंगी
बुनियादी ज़रूरत नहीं मुहैया
मौसमी संघर्ष नित रोज़ दैनिक
क्या भूख ठण्ड क्या बम गोली
कर्म भूमि में निडर खड़े हैं सैनिक
जबतक सूरज चाँद रहेगा
सैनिक हमपर तेरा ऋण रहेगा
जय भारत के वीर सिपाही
अजर अमर हे वीर सिपाही