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Madhu Vashishta

Action Inspirational

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Madhu Vashishta

Action Inspirational

विद्यार्थी जीवन

विद्यार्थी जीवन

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यह सच्ची कहानी है।

जो मुझे आप सबको सुनानी है।

छठी क्लास में थी मैं चढ़ गई

फिर बड़े स्कूल में गई।

वहां मेरा संगी साथी कोई नहीं था।

जब सब बैठते थे अपनी सहेलियों के साथ मुझे बस्ता लेकर पीछे ही बैठना पड़ता था।

पढ़ाई में मैं पिछड़ने लगी।

प्रत्येक शिक्षक से डरने लगी।

होमवर्क मैं करूं ना करूं

बात एक ही होती थी।

रोज कभी मेरी कोई किताब और कभी कॉपी खोती थी।

सब शिक्षक समझते थे मुझे नालायक,

बस एक संस्कृत की ही शिक्षक थी जो मुझे बहुत प्यार करती थी।

उनकी नजर में मैं अच्छी बनती थी।

उनका सारा काम मैं करती थी।

रात भर बैठकर मैंने होमवर्क किया था।

लेकिन उनकी क्लास में कॉपी दिखाने के समय मेरी कॉपी का ही ना पता था।

उन्हें मुझ पर पूरा विश्वास था

उन्हें मुझसे बहुत ही प्यार था।

उन्होंने मॉनिटर को सब के बस्ते में कॉपी चेक करने के लिए कहा।

मेरे साथ पीछे बैठने वाली लड़की के बस्ते में केवल कॉपी ही नहीं मेरा बहुत सा सामान मिला।

उन्होंने मुझे आगे बिठा दिया था।

और विषयों के शिक्षकों को भी समझा दिया था।

मेरी सारी कॉपियों को पूरा करवा दिया था।

मेरी जिंदगी में खुशियों को ला दिया था।

कहां तो थी मैं नालायक एकदम होशियार हो गई थी।

कहां तो सब शिक्षक मुझे निकालते थे क्लास से बाहर

पर अचानक से मैं सबका प्यार हो गई थी।

जहां फेल होना तय था मेरा

वहां मैं अ श्रेणी में पास हुई थी।

फिर पिताजी का तबादला हुआ मैं उस स्कूल से निकल गई थी।

लेकिन उस शिक्षक को मैं आज तलक नहीं भूली थी।

काश ऐसी शिक्षक सबको ही मिल जाएं।

शिक्षक दिवस पर में सबको देती हूं यही दुआएं।

मुझमें आत्मविश्वास उन्होंने ही जगाया था।

ऐसा मैंने अपने हर बच्चे को बताया था।

आज आप सबको भी बता रही हूं।

ऐसा करते हुए अपनी श्रद्धा सुमन मैं श्रद्धा सुमन उन्हें चढ़ा रही हूं।



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