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Rajput Vishal Bluvi

Romance

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Rajput Vishal Bluvi

Romance

विदा किया

विदा किया

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भीगी आंखों से उसने विदा किया

रोकती तो रुक जाता

बोलती तो मुड़ जाता

समेटकर दिल चल पड़ा

बिखरी यादों को जिन्दा किया...

कैसी कशमकश है ये

हर कदम बढ़ते के साथ

पलट पलट कर देखता

अब तो आ मिल मेरे साथ...

हां पता है दिल में तेरे 

भी गांठ ऐसी पड़ गई

सारी खुशियां सारे अरमान

एक बात पर फना किया...

चल मैं तो जा रहा

उम्मीद वो दिल में लिए

पछताएगी तू एकदिन

जो तूने क्या गुनाह किया...!


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