STORYMIRROR

Shailaja Bhattad

Inspirational

5.0  

Shailaja Bhattad

Inspirational

विचार मंथन

विचार मंथन

1 min
233


समझ जाओ तो संभल जाया करो। 

बिगड़ती बात को,

बिगड़ने की हद तक न ले जाया करो। 

बेवजह ही मुसीबतों को न बढ़ाया करो।

जब समझ जाओ तो संभल जाया करो। 


जीवन जब तार तार बेतार लगने लगे , 

अपनों को अपने संग ले आया करो। 

जब समझ जाओ तो संभल जाया करो। 

विचारों पर जब अनबन होने लगे, 

पन्नों को पलटा लिया करो। 

 

जब कही बातों की सुनी अनसुनी होने लगे।

विचार मंथन कर लिया करो।

जब समझ जाओ तो संभल जाया करो।

तरकश से जब तीर ही चलते रहे।

मान, अपमान में दूरी न रहे।

समझ जाओ तो संभल जाया करो।

उलझे धागों को सुलझा लिया करो।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational