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Pandit Dhirendra Tripathi

Abstract Inspirational

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Pandit Dhirendra Tripathi

Abstract Inspirational

वह नारी है

वह नारी है

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वह पुष्प की तरह कोमल है

जो सुख की नींद दे, वह मलमल है

वह मौजों की रवानी है

वह सपनों की रानी है

वह हर किसी की चाहत है

वह हर दर्द की राहत हैं

वह निर्मल पावन गंगाजल है

वह हमारा बिता, आने वाला कल है

वह आंसू है, वह नयन है

वह पूज्या है, वह वंदन है

वह डरी हुई, वह मरी हुई

वह गुलाब है, वह ख़्वाब है

वह रोग है, वह उपचार है

वह इश्क़ है, वह प्यार है

वह इबादत है वह ईश्वर है

वह एक अकेली पूरा घर है

वह कर्तव्य है, वह कर्म है

वह जीवन का मर्म है

वह शायर की शायरी है

वह पुरषों की छिपी कायरी है

वह कवि की कविता है

वह सुख की अविरल सरिता है

वह दृढ़ विश्वासों की जननी है

वह जीवन के हर पल की संगिनि है

वह जीत है, वह हार है

वह शक्ति है, वह कमजोरी है

वह सुख की बड़ी तिजोरी है

वह समझदार नादान है

वह हर समस्या का समाधान है

वह माँ है, वह बहन है

वह हम सबकी रहन-सहन है

वह हर मनुष्य का विचार है

वह संस्कृति है, वह संस्कार है

वह पूरक है, वह बाधा है

उसके बिना सबका जीवन आधा है

वह राज़ है, वह समाज़ है

वह अभेदित साम्राज्य है

वह सुख है, वह दुख है

वह राग है, वह गीत है

वह सबकी सच्ची मीत है

वह ईश्वर की एक मूरत है

वह सबकी जरूरत है

वह विदित होकर अविदित है

वह हर प्रेरणा में जीवित है

वह सच्ची दौलत है

वह हम सब की शोहरत है

वह खुदा की मेहरबानी है

वह आँखों की पानी है

वह जमीं है, आसमाँ है, रुत है, बादल है, हवा है

अब क्या लिखे धीरेन्द्र, वह जाने क्या - क्या है

बस इतना ही कहूँगा अब,

वह ब्रम्हा की हर रचना पर भारी है

वह इस संसार की सबसे बड़ी उपकारी है

वह नारी है - वह नारी है - वह नारी है

वह नारी है - वह नारी है - वह नारी है


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