कटे कैसे तेरे बिन रैन
कटे कैसे तेरे बिन रैन


तू ही है मेरी आरजू
तेरे बिन एक पल न सुकूं
मेरे हर धड़कन में है तू
हां तू ही वो , वो भूरे आंखों वाली
मन के कोने कोने में
तू ही है वो , वो लंबे बालों वाली
तू ही है मेरे दिल का चैन
कटे कैसे तेरे बिन रैन................
आह के गाथा गाते गीत
कहें अब तक तुझको मीत
तुझे सोचें जब भी हम
देते अपने अपने गालों को सींच
तुझे याद करके , फरियाद करे
मेरे टूटे फूटे बैन
तू ही है मेरे दिल का चैन
कटे कैसे तेरे बिन
रैन.............
ये मस्त हवाएं , काली घटायें
सबकुछ लगे व्यर्थ
तेरे जाने के बाद
रहा न कोई जीवन अर्थ
मेरे जीवन पर दिखने लगे
अब तो मृत्यु के सैन
तू ही है मेरे दिल का चैन
कटे कैसे तेरे बिन रैन..............
लिख रहा हूँ प्रेम का एक संधिपत्र
मान ले बस मेरी एक शर्त
मेरे दिल को कर आश्वस्त
बढ़ी आ उसी पथ पर
जिस पर टिके है मेरे सजल नैन
तू ही है मेरे दिल का चैन
कटे कैसे तेरे बिन रैन.........