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Kajal Manek

Abstract

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Kajal Manek

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वास्ता

वास्ता

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अब न किसी से वास्ता,

अब मेरा अलग रास्ता,


न अब न किसी के सामने गिड़गिड़ाना,

अब सिर्फ खुद की खुशी के लिये है जीना,


अब मैं खुद ही खुद को सम्भालती,

न किसी से उम्मीद न यारी न दोस्ती,


अब न होगा किसी से प्यार,

अब बस खुद की मर्ज़ी सुनने का है इंतज़ार,


हाँ अब न है किसी से कोई वास्ता,

अब मैं अकेली और मेरा रास्ता,


यहाँ कोई किसी से रिश्ता नहीं निभाता,

सिर्फ़ अपने बारे में हर कोई सोचता,


हाँ अब न है किसी से कोई वास्ता,

अब मैं अकेली और मेरा रास्ता।



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